Sunday, April 18, 2010

हनुमानगढ़ जिलो - एक परिचै

हनुमानगढ़ जिलो - एक परिचै

हिमाचल प्रदेश री शिवालिक पहाडिय़ां सूं निकळ'र सगळै सारस्वत प्रदेश अर ब्रह्मावत में बैवण वाळी वैदिक नदियां, सरस्वती अर दृश्यद्धवति नदियां रो बहाव क्षेत्र रैयो हनुमानगढ़ जिलै रो इतियास आठ हजार सालां सूं भी पूराणो है। हनुमानगढ़ रै लिखित इतियास रै अभाव में ओ निश्चित नीं कर सकां कै इण री स्थापना कद हुई। ''सोळवीं सदी में राजस्थान'' रा लेखक मनोहर सिंह राणावत मुंशी देवीप्रसाद रै हवालै सूं लिखै है कै दशरथ रै बेटै भरत भटनेर किलो बणवायो अर शहर रो नांव भरतनेर राख्यो, जको कालांतर में भटनेर होग्यो।
    सन् 1801 में बीकानेर रा राजा सूरतसिंह भटनेर पर कब्जो करयो, पण 1804 में भाटियां बीकानेर राजा सूं इण नै छिण'र इण क्षेत्र में उत्त्पात मचाणो शुरू कर दियो। जिणसूं परेशान होय'र महाराजा सूरतसिंह लगै-टगै छ: मईना तांई इण किलै री घेराबंदी राखी। आखर में सन् 1805 में इण पर फतेह हासिल कर ली। उण दिन मंगळवार हो। महाराजा सूरतसिंह किलै रै अन्दर हनुमान जी रो मिन्दर बणवायो अर भटनेर रो नांव बदळ'र हनुमान जी रै नांव पर हनुमानगढ़ रख दियो। वर्तमान हनुमानगढ़ नै अतीत में घणा नांवां सूं जाण्यो गयो है अर वैदिक काल में जांगळ, सारस्वत, सारस्वत प्रदेश, सारस्वत ब्राह्मणों का बाटधान, भरतनेर, मध्यकाल में लौहगढ़, तबरहिंद, भटनेर अर हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ रै सागै-सागै अठै बैवण वाळी वैदिक नदी रो नांव भी घग्घर नदी अर स्थानीय बोलचाल री भाषा में नाळी पड़ग्यो। वर्तमान हनुमानगढ़ पूर्व में श्री गंगानगर जिलै रो एक उपखण्ड हो। प्रदेश रा तत्कालीन महामहिम राज्यपाल श्री बलिराम भगत रै कर-कमलां सूं 12 जुलाई, 1994 नै उद्घाटित होय'र हनुमानगढ़ नै प्रदेश रो 31वों जिलो बणन रो गौरव प्राप्त होयो।
   
भौगोलिक स्थिति :- हनुमानगढ़ जिलो 28.4 डिग्री सूं 30.6 डिग्री उत्तरी अक्षांश अर देशांतर 72.39 डिग्री सूं 75.30 डिग्री पूर्व मध्य में अर समुद्रतल सूं 183.793 मीटर री ऊंचाई पर स्थित है। जिलै रै पूर्व-पश्चिम में शस्य-श्यामला भूमि है। उत्तर-पूर्व रो कीं हिस्सो अर पूर्व-दक्षिण रो हिस्सो थार-मरूस्थल रै धोरां सूं आच्छादित है।,

तापमान :- हनुमानगढ़ जिलो देश रैगर्म इलाकां में आवै है। गर्मियां में अठै रो तापमान 45 डिग्री सूं भी ज्यादा चल्यो जावै है। हालाँकि सर्दियां में रातां घणी ठंडी हो ज्यावै है अर पारो शून्य तक चल्यो जावै है।

पर्यावरण :- ज्यादातर इलाको कई बरसां पैलां सूखो रेगिस्तान हो, पण आजकाल लगै-टगै सगळै जिलै में सिंचाई होवण लागी है, इण खातर हनुमानगढ़ राजस्थान रै हरये-भरये जिलां री श्रेणी में आवै है। गर्मियां में धूळ भरी आंधियां चालती रैवै अर मई-जून में लू चालै है, सर्दियां में चालण वाळी ठंडी उत्तरी हवाआं नै डांफर कैयो जावै है।

फसलां :- रबी री मुख्य फसलां हैं -चिणा, सरस्यूं, कणक, अरिंडिया अर तारामीरो। खरीफ री मुख्य फसलां में नरमो, कपास, ग्वार, मूंग, मोठ, बाजरा अर ज्वार।

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